Editor’s Message
प्रधान संपादक का संदेश
संगम शोध जर्नल का प्रकाशन 2013 में प्रारंभ किया गया था, प्रथम संपादक स्मृति शेष डॉक्टर विश्व कीर्ति जी थी उस समय संपादकीय कार्यालय पटियाला में था। वर्तमान में जर्नल का संपादक डॉक्टर रेखा सोनी जी कर रही है, प्रधान संपादक डॉक्टर नरेश सिहाग एडवोकेट है । गुगन राम एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी, बोहल द्वारा संचालित गीना देवी शोध संस्थान भिवानी वर्ष 2020 से जर्नल का प्रकाशन अपने कार्यालय से कर रहा है। सरकार द्वारा प्रिंट संस्करण के लिए आईएसएसएन 2321-8037 के रूप में पंजीकृत किया गया था, करोना महामारी के चलते और देश विदेश के शोधार्थियों और विद्वानों तो आसानी से पहुंचा जा सके इसके लिए जर्नल को ऑनलाइन संस्करण के रूप में वेब साइट पर अपलोड किया जाता है। सहकर्मी-समीक्षा जर्नल गीना शोध संगम ।
इस पत्रिका को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य शिक्षा,साहित्य,संस्कृति और शोध के ज्वलंत मुद्दों पर देश विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों के विचारों को समाहित करना था। जर्नल ने देश विदेश के कई प्रमुख शिक्षाविदों की राय प्रकाशित की और उनके विचारों को बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँचाया। इसकी प्रारंभिक सफलता और लोकप्रियता को देखते हुए, प्रायोजकों ने इसे वर्ष 2020 से ऑनलाइन प्रकाशित/प्रसारित करने का निर्णय लिया, ताकि यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों से कई अन्य शिक्षाविदों के लेखों की कल्पना कर सके। इस दृष्टि से अब इसे अन्तर्राष्ट्रीय शैक्षिक जर्नल के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। जर्नल में प्रकाशित शोध पत्रों ,लेखों में वयक्त विचार लेखकों के होते हैं उनसे जर्नल के संपादक मंडल का सहमत होना आवश्यक नही विवाद का निपटारा भिवानी हरियाणा न्यायालय में किया जाएगा। जर्नल में प्रकाशित लेखों की मौलिकता की जिमेदारी लेखक की स्वयं की होती है।