आओ योग की अलख जगाए-डॉ० कामाक्षी शर्मा
आओ योग की अलख जगाए
निकट नहीं आएगा, तुमको कोई रोग
जो रोज करेगा, प्रातः समय से योग।
स्वास्थ्य है, सबका जीवन उपहार ,
इसके बिन सब जीवन बेकार ।
यह है, पूँजी जीवन की,
यह है, कुंजी जीवन की,
इससे खुलते जीवन द्वार,
इसके बिन जीवन बेकार।
योग जीवन दर्शन , इसको करना अर्जन।
योग एक अनुशासन ,इसका करना पालन।
स्वयं के लिए समय लेना है ,
अध्यात्म जगत से जुड़ना है।
अपनाएं ,हम सब यह पद्धति,
इससे मिलती जीवन शक्ति।
यह जीवन की है , साधना
आओ मिल करें ,आराधना।
मिलकर आओ अलख जगाए,
जीवन की नव ज्योति जलाएं।
अब इस राह पर कदम बढ़ाए ,
अपने लक्ष्य को पूरा कर जाएं।
निकट नहीं आएगा तुमको कोई रोग,
जो रोज करोगे, प्रातःसमय से योग।
योग एक अनुशासन है ,इसमें करने आसन है
योग एक साधना है ,जिसमें करनी आराधना है।
डॉ० कामाक्षी शर्मा
हिंदी एवं संस्कृत विभाग
टी० जी० टी० अध्यापिका
प्रज्ञान स्कूल, ग्रेटर नॉएडा
kamakshi@pragyanschoolcom