गीना देवी शोध संस्थान भिवानी हरियाणा की स्थापना वर्ष 2020 में भारत सरकार के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 (तथा पंजाब संशोधन अधिनियम 1957 द्वारा यथा संशोधित) के अंतर्गत हरियाणा सरकार द्वारा पंजीकृत गुगन राम एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी, बोहल के एक स्वायत्त / स्वयं पोषित शोध संस्थान के रूप में की गई। सोसायटी बिना किसी सरकारी या गैर-सरकारी सहायता के अपने उद्देश्यों के अनुरूप विविध परियोजनाओं और शोध-कार्यों में संलग्न है। सोसायटी एक अराजकीय सेवाभावी एनजीओ है जो अपने नियम/उपनियम,सविधान के अनुसार कार्य करती है, जिसका उद्देश्य धन लाभ नहीं जन लाभ है।
आप ज्ञान वर्धन व शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए अपनी रुचि /योग्यता अनुसार किसी भी पाठ्यक्रम / कोर्स में ऑन लाइन शामिल हो सकते है और परीक्षा भी ऑन लाइन दे सकते हैं।
संस्थान स्वतंत्रता के सिद्धांत का पालन करता है अर्थात क्या पढ़ना है, कब पढ़ना है, कैसे पढ़ना है, कैसे सीखना है और कब ऑनलाइन परीक्षा देनी है। समय स्थान का कोई बधन नही। संस्था के पाठ्यक्रम कार्य आधारित और जीवन में अत्यंत उपयोगी है भावी पढ़ाई के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं।
हमारे संस्थान की शिक्षण पद्धति पारंपरिक संस्थाओं द्वारा अपनाई जा रही कक्षा अध्ययन पद्धति से भिन्न हैं। हमारे संस्थान की शिक्षा पद्धति स्वाध्याय पर आधारित है। इस प्रकार हम कह सकते हैं की संस्थान की अध्ययन सामग्री Self Learning Material (SLM) का प्रारूप में होती हैं जिससे आप घर पर भी अध्ययन आसानी से कर सकते हैं। संस्थान के पाठ्यक्रम ज्ञान वृद्धि में सहायक है।
गीना देवी शोध संस्थान में आपको अपने आप अध्ययन करना है अर्थात आप स्वयं सीखने वाले हैं,आप अपनी सुविधा और गति से अध्ययन करने वाले हैं। संस्थान अपने किसी भी पाठ्यक्रम के उत्तीर्ण करने पर नौकरी या अन्य उच्च कक्षा में प्रवेश में प्रवेश की गारंटी नहीं देता है। संस्थान किसी महाविधालय या विश्वविद्यालय से संबद्ध नही है यह एक सैल्फ फाइनेंस शोध संस्थान है। फीस किसी भी अवस्था में वापिस नही की जायेगी। समस्त वाद विवाद का निर्णय भिवानी हरियाणा न्यायालय में होगा।