1.समकालीन उपन्यासकारों में स्त्री विमर्श: विभिन्न परिदृश्य -डॉ. रश्मी मालगी

3.“भाषा आधारित शिक्षा पद्धति और एन.ई.पी.2020” – डॉ.परमानन्द त्रिपाठी

4. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के विशेष परिप्रेक्ष्य में “प्रौढ़ शिक्षा और जीवनपर्यन्त सीखना“ – डॉ. नरेश कुमार

5.अर्चना पैन्यूली की कहानियों में नारी विमर्श-किरण कटोच

6. हिन्दी उपन्यासों में अभिव्यक्त स्वास्थ्य समस्याओं पर विमर्श- अश्विनी कुमार

7. समकालीन साहित्य में आर्थिक विमर्श-डॉ0 जगदीश चन्द्र जोशी

8. किन्नर समाज के संघर्ष को चित्रित करता उपन्यास दर्द न जाने कोई- कृतिका चौधरी

9. दोहरा अभिशाप :दलित स्त्री चेतना का सशक्त हस्ताक्षर – हिना

10.पर्यावरणीय चेतना एवं जागरूकता से ओत-प्रोत हमारा समकालीन हिन्दी साहित्य-रीतिका पाण्डेय

11. ‘छोटा किसान’ : किसान जीवन यथार्थ के दस्तावेज़ – अंजू 

12. समकालिन साहित्य में स्त्री विमर्श – राजलक्ष्मी जायसवाल

13. स्त्री विमर्श के आईने में गीतांजलि श्री का उपन्यास ‘माई’ : एक अध्ययन – अमला थॉमस

15. मीरा कांत व विभा रानी के नाटकों में स्त्री यौन शोषण की समस्या – सिमरन कुमारी

16. समकालीन साहित्य में किन्नर विमर्श – क्षत्रिय दीपिका जितेन्द्र

17. चित्रा मुद्गल के उपन्यास ‘आवां’ में नमिता का संघर्ष – (प्रो.) डॉ. अनुसुइया अग्रवाल डी. लिट्.

18. समकालीन हिन्दी साहित्य और विमर्श – रंजना गुप्ता 

19. वर्तमान भारत में किन्नर समाज: किन्नर विमर्श के विशेष सन्दर्भ में – सत्य प्रकाश नाग

20.हिन्दी साहित्य के प्रमुख उपन्यासों में किन्नर समाज – डॉ. आंचल कुमारी

21. चित्रा मुद्गल के उपन्यास में नारी विमर्श – डॉ. लिट्टी योहन्नान

23. समकालीन साहित्य में नारी विमर्श – रेखा गुप्ता

24. स्त्री विमर्श -मृदुला गर्ग के समकालीन उपन्यासों के परिप्रेक्ष्य में – वीणा सी वसन्त

25.शैलेश मटियानी कृत नगरीय परिवेश की कहानियों में चित्रित नारी पात्रों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन -डॉ रंजीत कौर

25. हिन्दी साहित्य में दलित विमर्श – डॉ. रंजीता बैद

26. विद्यालयों में प्रचलित लैंगिक असमानताओं की रूपरेखा का अध्ययन – अनिल कुमार

28. समकालीन साहित्यकार माता प्रसाद के नाटकों में दलित विमर्श – आशीष कुमार पटेल 

29. मुंशी प्रेमचंद के समय अथवा समाज में वृद्ध जीवन ( कहानियों के सन्दर्भ में ) –   जाधव नीता बाबु

30. हिंदी साहित्य में दलित चेतना का उद्भव- भारती

33. चित्रा मुद्गल के उपन्यास ‘एक ज़मीन अपनी’ में स्त्री-पात्रों का संघर्ष – नियति अग्रवाल

34.समकालिन कहानियों में नारी विमर्श – डॉ.- प्रा. भिमराव माने

35. सामाजिक यथार्थ के संदर्भ में: दलित स्त्री की आत्मकथा एक अध्ययन – प्रियंका सारम्म फिलिप्प

36. मालती जोशी की कहानियों में व्यक्त पुरुष आश्रयहिन स्त्री की स्थिति – नेहा

37. दंड-विधान: जातिगत स्त्री शोषण का जीवंत दस्तावे – मनीषा देवी   

38. सुखबीर सिंह की कविताओं में दलित चेतना – आंचल यादव

39. किशोर जीवन व समस्याओं का जीवतं दस्तावेज रजनी गुप्त का उपन्यास: ‘कुल जमा बीस’ – मदन लाल

40. समकालीन हिन्दी साहित्य में दलित विमर्श – डॉ. पूनम कुमारी (सहायक प्रोफेसर)

41. समकालीन दौर : प्रकृति विमर्श – कुमार मंगलम

42. समकालीन साहित्य में नारी विमर्श – अनीता कुमारी

45. गीतांजलि श्री की “माई ” उपन्यास में चित्रित नारी – गोपिका

46. साहित्य अकादमी द्वारा अनुदित कहानियों में बाल विमर्श – पूनम

47. समकालीन हिन्दी साहित्य में दलित विमर्श – सोमबीर

48.  गिलिगडु उपन्यास में वृद्धों की समस्या – मनुजा

49. इक्कीसवीं सदी के हिंदी उपन्यासों में किसान विमर्श – रघुवीर दान चारण

50. नारी-विमर्श : अनामिका की कविताएं – अनामिका शिल्पी

51.समकालीन हिन्दी आत्मकथा लेखिकाओं के आत्मकथा-साहित्य में आर्थिक चेतना (विमर्श) – डॉ. प्रीति दुबे

52. डॉ शंकर शेष के नाटकों में मुखरित स्त्री स्वर – डॉं नादिया सी राज

53. दलित विमर्श की अवधारणा और हिंदी साहित्य – शैलेन्द्र कुमार

54. समकालीन साहित्य में स्त्री विमर्श – डॉ. नंदिनी चौबे

55. रामदरश मिश्र के उपन्यासों में स्त्री प्रतिरोध के स्वर – शिवांकत्रिपाठी

57. समकालीन हिंदी उपन्यास में आदिवासी चेतना एवं आधुनिकता का द्वंद्व – विजय ज्योति

58. नादिरा जहीर बब्बर की नाटक जी जैसी आप की मर्जी में स्त्री

59. विपिन बिहारी की कहानीयों में दलित जीवन का यथार्थ

60. दलित साहित्यः संवेदना

61. हिंदी उपन्यासों में किसान विमर्श  – गरिमा आर जोशी  

62. समकालीन हिंदी साहित्य और रूपांतरित परिदृश्य में वनिता विमर्श – ड़ॉ0 मीनू शर्मा

63. समकालीन हिन्दी कविता में किन्नर विमर्श – Dr. Seena Kurian

68. समकालीन साहित्यकार मेघ सिंह ‘बादल’ के उपन्यासों में दलित विमर्श  – सोनाली राजपूत

69. प्रवासी साहित्यकार सुदर्शन प्रियदर्शिनी की कहानियों में पुरुष-उत्पीड़न – सिमरन  

70. कृष्णा अग्निहोत्री की चयनित  कहानियों में वृद्ध जीवन – सविता गोपीनाथन

71. वर्तमान भारत में किन्नर समाज: किन्नर विमर्श के विशेष सन्दर्भ में – सत्य प्रकाश नाग

72. जनसंचार के विभिन्न माध्यमों में हिन्दी – डॉ. श्याम लाल

73. समकालीन साहित्य में आर्थिक विमर्श –  डॉ0 जगदीश चन्द्र जोशी

74.समकालीन साहित्य में स्त्री विमर्श और ग्रामीण स्त्रियाँ – रुचि कुमारी 

75. किन्नर विमर्श : एक दृष्टि – रश्मि गुप्ता

76.पद्मा शर्मा के साहित्य में स्त्री विमर्श-कृष्ण कुमार थापक

77. समकालीन हिंदी साहित्य में दलित विमर्श  – ज्योत्सना आर्य सोनी

78. दलित लेखिका का जीवन संघर्ष: ‘अपनी जमीं अपना आसमां’ में – बिंदु आर

80. साहित्य और जीवन मूल्य – वैशाली

81. शैलेश मटियानी कृत नगरीय परिवेश की कहानियों में चित्रित नारी पात्रों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन डॉ रंजीत कौर

82. आदिवासी जीवन और प्रकृति- ‘जहाँ बाँस फूलते है ‘उपन्यास के संदर्भ में – लक्ष्मी के. एस. 

85. वृध्दावस्था विमर्श -डॉ. सुनीता राठौर

87.समकालीन हिंदी नाटकों में स्त्री-विमर्श – बी. वी. एन् उमा गायत्री

88. स्त्री विमर्श को गति देतीं लता अग्रवाल की लघुकथाएं* – डॉ सूर्य प्रताप

90. समकालीन हिन्दी साहित्य और विमर्श – आदिवासी विमर्श – डॉ. एस. विजया

93. साहित्य और पर्यावरण का अंतरसंबंध – राधा देवी

94. समकालीन कथा साहित्य में किन्नरों का उत्थान और पहचान एक संघर्ष – नीतू कुमारी

95. “समकालीन हिंदी कविता में पारिस्थितिकीय से जुडी समस्याएँ” – बीना.भद्रेशकुमार

98. स्त्री विमर्श: कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्न – पूनम सिंह

101. “ समकालीन हिंदी साहित्य में दलित विमर्श “ – श्रिमती आपी लंकाम 

102. नारी-विमर्श : अनामिका की कविताएं – अनामिका शिल्पी

103. डॉ. देवेंद्र दीपक की चुनी हुई कविताओं में दलित चेतना – धन्या. एस

105. आरंभिक हिन्दी उपन्यासों में स्त्री का स्वरूप – सलमान

106. पचपन खंभे लाल दीवारें : पारिवारिक जिम्मेदारियों और आर्थिक तंगी के बीच में फंसी स्त्री का दर्द – गीतिका सैकिया

107. डॉ० रामविलास शर्मा और प्रगति का विमर्श – डॉ. सुलेखा कुमारी

108. मुस्लिम समाज में व्याप्त रोज़गार की समस्या:हिंदी कहानियों के संदर्भ में – वैष्णवी बी

109. समकालीन हिंदी कविता में चित्रित आदिवासियों का विस्थापन – सिम्ना.एन

111. मूल्य क्षरण के दौर में हाशिए पर वृद्ध : समकालीन हिंदी उपन्यासों के संदर्भ में – राहिता.पी.आर

112. वर्गीय असमानता में जूझनेवाले दिव्यांग मजदूर: ‘खोटे सिक्के’ के परिप्रेक्ष्य में – टिनु अलेक्स. के

113. सौन्दर्य का विमर्श और समकालीनता – डॉ. अरुण प्रसाद रजक

114. अपराध, नियम और न्याय: कोर्ट मार्शल के विशेष संदर्भ में-अर्चना एस नायर

116. मनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानियों  में आधुनिक सन्दर्भ – अफीफा फातिमा शेक

117. समकालीन हिंदी साहित्य में नारी विमर्श – डॉ . संदीप कुमार

118. मीडिया विमर्श के परिप्रेक्ष्य में सामाजिक -सांस्कृतिक बदलाव -लिबिल जैकब

119. समकालीन साहित्य में नारी-विमर्श -डॉ. हरमंदर सिंह