जगमगाते सूर्य के पहलू पर-डॉक्टर ज्योति न्यौपाने नेपाल
जगमगाते सूर्य के पहलू पर,
एक सुंदरी सवेरे निकली परिंदों की तरह।
मुस्कान खिलाती हुई, स्वतंत्रता के गीतों से,
आगे बढ़ रही एक महिला, पौराणिक कथाओं की भावना से।
योग के विश्रामी आसनों में बैठी,
विचारों की गहराई से संयम की धारा बहाती।
सांसों को नव जीवन की ऊर्जा से पूर्ण करती,
देह को संतुलित और मन को शांत रखती।
महिला है शक्ति, सृष्टि की अद्भुत उद्यमिनी,
विश्वास की आधारशिला, साहस की पहचान हैं वह माता, बहनी।
योग की प्रारंभिक पाठशाला में उसकी आत्मा शिक्षार्थी है,
अनंत संभावनाओं की उड़ानों में खुद को पहचानती है।
आध्यात्मिकता के प्रकाश में अपनी प्राकृतिक सुंदरता खोजती है,
विचारों के सागर में खुद को सार्थकता से सम्पूर्ण करती है।
योग के माध्यम से उच्चतम शक्तियों को जागृत करती है,
आत्म-संयम के मार्ग से अपनी मुक्ति का रास्ता ढूंढ़ती है।
धरा की गोद में स्थित, आकाश के साथ एक,
महिला और योग का बहुत है मेल हर काम में होता है योग ही योग।
डॉक्टर ज्योति न्यौपाने नेपाल