May 16, 2023
परिवार रूपी वृक्ष – अनिल कुमार
परिवार रूपी वृक्ष
परिवार…,
वृक्ष की तरह होता है;
जिसकी जड़े,
प्रेम का अमृत पीकर,
घर के आंगन को मजबूती से पकड़े रखती है।
जिसका तना…,
पिता-सा तनकर,
सर्दी, गर्मी, बरसात में,
रिश्तों की शाखाओं को प्यार से संभाले रखता है।
जिसकी शाखाएँ…,
ममतामय बाहें फैलाये,
कोमल फूल-पत्तों को,
अपना बच्चा समझकर,
डालों का लचीला झूला, झूलाती रहती है।
इस वृक्ष की शाखाएँ,
जितनी फैलती है;
जितने फूल और पत्ते,
इस पर खेलते-खिलते है;
परिवार रूपी यह वृक्ष,
उतना ही घना और छायादार होता चला जाता है।
अनिल कुमार केसरी,
भारतीय राजस्थानी।