May 16, 2023
माँ मौन क्यों हो – सतीश कुमार पाल
माँ मौन क्यों हो
माँ मौन क्यों हो तुम
कुछ तो बोलो न
ह्रदय में जो है छुपा
वो राज दिल के खोलो न
कुछ कहा फिर किसी ने तुम्हें
या ! हुई
कोई अनबन सी है
क्यों मस्तक पर लकीरें
गहन चिंतन की है
माँ तुमने परिवार पर
अपना सर्वस लुटाया है
बिना कुछ कहे ही
कर्तव्यों को निभाया है
माँ तुम्हारी ये चुप्पी
मुझको विचलित करें
कुछ तो बोलो ,
ह्रदय में जो राहत भरें
वो हँसी वो मुस्कुराहटें
गुम क्यों हुई
तुम प्रबल सी
सबलता की मूरत रही
मेरे बिखरे से शब्दों को
तुम्हीं ने संभाला सदा
जब भी रहा शब्द शून्य
दुविधाओं से निकला सदा
आज तुम ही यूँ निःशब्द
बनी बैठी हो
माँ मौनता के कपाटों खोले ज़रा माँ चुप क्यों हो कुछ तो बोलो ज़रा -२
– सतीश कुमार पाल
( दिल्ली )