May 16, 2023

मां – रेनू बाला सिंह

By Gina Journal

मां

प्रथम दोस्त औ’ ज्ञान भंडार है तू,
आंचल में संस्कार समेटती है तू।
करुणा ममता दया का सांचा तू ,
गंगा जल सी निर्मल पावन तू।

हर सवाल का जवाब है तू,
मेरी जिज्ञासा की आशा है तू।
मातृत्व की शीतल छांव है तू,
नंदनवन बगिया की मालिन हैतू।

तुझसे ही है मेरी पहचान,
तू ही संरक्षक तू ही उद्यान ।
तू ही मेरी पहली मुस्कान ,
प्रथम प्रार्थना तेराअभिवादन।

मेरे जीवन का कीमती उपहार है तू,
जीवन श्रेष्ठादर्श आधार है तू माँ।
प्रेमपूर्ण स्नेहिल उपकार मिला मां,
जीवन का उत्कृष्ट सार है तू मां।

गुण अवगुण का भेद बतलाती तू
इंसानियत का पाठ पढ़ाती तू
मातृशक्ति बन जब तू लेती फैसला,
मंजिल की सीढ़ियां का मार्ग है तू।

माँ से रोटी माँ से ही है पानी,
माँ ही सच्ची कबीर सी वाणी।
माँ तन की हीर माँ हरती पीर,
माँ ही तप साधना माँ ही है धीर।

धन्यवाद
रेनू बाला सिंह
गाजियाबाद,/ उत्तर प्रदेश- 201014
(स्वरचित मौलिक एवं अप्रकाशित रचना)