माता और पिता – डाॅ.सलीम बाणदार
विषय- माता और पिता
अपने माता पिता का कभी दिल दु:खाना नहीँ है।
इस धरती पर भगवान के दिये हुए स्वर्ग है।
इनका दिल दु:खा कर स्वर्ग को नर्क नहीं बनाना है।
माता-पिता की सेवा और उनके प्यार से बढ़कर कोई दौलत नहीं है।
माता का आँचल और पिता का सहारा ही स्वर्ग है।
इनका दिल ना दुखाना कभी यह भगवान का कहना है।
माँ ने जब भी देखा हमें प्यार से देखा है की नहीं।
बाप ने ही तो सहारा दिया है की नहीं।
हर मुसीबत से हमें बचाया है की नहीं।
बोलना हम को सिखाया है की नहीं।
चलना हम को सिखाया है की नहीं।
कैसे माँ-बाप ने पाला पता है की नहीं।
हमको इन्सान बनाया, हमें शिक्षा भी दी
कभी नहीं किया अपने प्यार में कमी
इनकी ममत्व की है कहानी हमारी
इनकी कुर्बानी से ही बनी जवानी हमारी।
माता पिता कितने प्यार से पाल है हमको
खुद भूखे रहकर मुँह का निवाला दिया हमको।
इनकी खुशी में ही मिले खुशी हमको
गर ये हमसे नाराज दिखे कभी हमको
तो पैरों में गिर कर माफी मांगने की भगवान हिम्मत दे हमको।
एक दिन हमें भी माता-पिता बनना है।
जैसे हम माता-पिता से बर्ताव करते है।
वैसे ही हमारे साथ भी बर्ताव होनी है।
क्योंकी जैसी करनी,वैसी भरनी है।
नाम – डाॅ.सलीम बाणदार
कॉलेज – नेहरू कला,विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय, घंटीकेरी हुब्बल्ली