मेरे पापा – डॉ शशिकला अवस्थी
मेरे पापा
स्वर्गीय पंडित सीताराम त्रिपाठी – मेरे पापा,को कोटि-कोटि नमन ,अर्पित श्रद्धा सुमन ।
आपकी माता राजरानी पिता हनुमान प्रसाद त्रिपाठी के पुत्र सीताराम थे महान ।
दादा गोकुल प्रसाद त्रिपाठी का रोशन किया खानदान।
ग्राम भदोसी, कन्नौज, उत्तर प्रदेश पावन जन्म स्थान।
17 वर्ष अल्पायु में शिक्षा और नौकरी के लिए ,इंदौर किया प्रस्थान।
परिवार की परवाह सर्वोपरि,
हर पल देते थे हम बच्चों को आशीष ,स्नेह मुस्कान ।
हमारी मां विमला त्रिपाठी के साथ गांधीनगर इंदौर में भवन बनाया, परिवार की बढ़ाई शान ।
जीवन भर किया संघर्ष ,ना करी कभी आराम ,झेले तूफान ।
पहम सबका जीवन संवारा, यही था उनका अरमान ।
ज्ञान देते थे सबको ,गागर में सागर ,भर देते,
आप शिक्षाविद्, साहित्यकार थे महान ।
वरद हस्त सिर पर रखकर मुझे दिया,
साहित्यकार होने का वरदान ।
कहा- लेखनी तुम्हारी लिखती रहें सदा,
पावन साहित्य गंगा गुणगान।
भक्ति भाव ,दान पुण्य ,सेवा में आगे था ,
उनका मानवतावादी अभियान ।
हम बच्चों को शिक्षा दीक्षा देकर आदर्श नागरिक
बनाया, दी इज्जत और पहचान ।
जीवन का हर कोना पापा जी के बिना सुना है ,
लगता है सूना है जहान।
पापा जी की जन्म तिथि 10 जनवरी 1922 और
मृत्यु 17 अप्रैल 1982 पुण्यतिथि है,
अर्पित श्रद्धा शब्द सुमन, सम्मान।
गर्वित हो नमन करूं, अर्पित करूं श्रद्धा सुमन पापा जी थे महान ।
पापा जी के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन मेरा,
अर्पित श्रद्धा सुमन, सम्मान।
रचयिता
डॉ शशिकला अवस्थी इंदौर मध्य प्रदेश