May 16, 2023

दो दिन का मेहमान बटेऊ – प्रियव्रत रोहणा

By Gina Journal

भजन।
टेक.
दो दिन का मेहमान बटेऊ,जाणा पड़े जरुर भाई।
छोड़ कै इस मोह माया नै,कती रहा कर दूर भाई।

कली.1
अपना तै कुछ भी ना सै,मान मान कै धक्के खा सै।
जन्म मरण का ना भरता घा सै,राखै दुखी नसूर भाई।

कली.2
भजन करा कर तू आठो याम,तजकै विषय वासना काम।
घट म्हं मिलज्या रमैया राम,अमर अलौकिक नूर भाई।

कली.3
रस मिले ना डोडे आख म्हं,हरदम काल खड़ा सै ताक म्हं।
बड़े-बड़े मिला दिये खाक म्हं,मतना करै गरूर भाई।

कली.4
सच्ची सेवा गरु की जो करै,कृष्ण चन्द्र काज उसी का सरै।
सच्चा चेला पार तिरै,ओटै गुरु की घूर भाई।

आलेखःकवि कृष्ण चन्द्र रोहणा पिंगल ज्ञाता ©®
प्रस्तुति :प्रियव्रत रोहणा।
खरखौदा सोनीपत हरियाणा।