May 16, 2023

भगवान् रूपी ‘ मेरी मां’ – नीतू बाला

By Gina Journal

*भगवान् रूपी ‘ मेरी मां’*
मैंने भी एक भगवान् देखा है,
अपने ही घर में वो इंसान देखा है। चलता- फिरता,जीता-जागता,
सबके लिए बनाते पकवान् देखा है।
उसे कहते छाया की मूरत हैं
वो भगवान् रूपी सूरत है।
उसे दर्द तकलीफ में जलते देखा हैं
अपनों के लिए तड़पते देखा है।
वो करती सबसे प्यार है,
उससे जन्मा सारा संसार है।
रातों को ठिठुरते देखा है,
और दिन में सिसकते देखा है।
दिन रात काम करने के बाद भी,
उसे भूखे सोते देखा है।
मैंने उन्हें अपने सामने हंसते
और छुपके बिलखते देखा है।
उसके हाथों में जो प्रयास है।
वो संतुष्टि का एहसास है।
अपनों के लिए मरते देखा है,
वो मार्ग की सीधी रेखा है।
वो समयानुसार बदलती है,
कभी गिरती फिर उठती है।
कैसे ? वो इतनी मजबूत है,
जिसकी हर बच्चे को जरूरत है।
उसकी गोद में जो सुकून है,
वो हर किसी को कबूल है। वो चलती- फिरती छांव हैं और कोई नहीं वो मेरी मां हैं ?
उसने हमें समझाया कम हैं,
और समझा ज्यादा हैं।
हर मुसीबत से लड़ने का रखती है दम,
और उसे ख्याल हर मर्यादा हैं।
जितना उसमें गुस्सा है,
प्यार उससे ज्यादा है।
वो तकलीफ में भी,
मुस्कुराने का हुनर जानती है।
सुनो ! वो मां है, सुनो ! वो मां है,
आंसू को भी पानी समझकर पीना जानती है।
वो हमारे लिए मर- मर कर जीना जानती है।
जिसने मुझे संसार दिखाया,
हर एक वस्तु से मुझे नवाजा।
नीतू उन्हें क्या दे सकती है,
जो खुद इस संसार का है दरवाज़ा ।
जो खुद इस संसार का है दरवाज़ा।
नीतू बाला
मॉडल टाऊन फेस -1
बठिण्डा (पंजाब) – 151001