May 16, 2023
पापा भाग्य विधाता – स्वरचित चंद्रमणि चौबे
मेरी रचना
परिवार
पापा भाग्य विधाता
भाग्य विधाता,जनक कहलाता
अपने परिश्रम से घर में खुशी लाता
कभी धरती तो कभी आसमान कहलाता
आन बान शान से पहचाना जाता
परिवार से पापा का गहरा नाता।
पापा के लिए कोई शब्द नहीं
कोई मोल कहा चुकाया है
माता के आंचल में छुपा
पिता का एहसास होता
परिवार से पापा का गहरा नाता।
हर मुसीबत से बचाकर
आगे बढ़ना सिखलाता
जीवन मार्ग दर्शन कर
अच्छाई बुराई से अवगत करवाता
परिवार से पापा का गहरा नाता।
स्वरचित चंद्रमणि चौबे रोहतास बिहार