May 16, 2023

माँ दिवस मंगलमय हो – पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई

By Gina Journal

माँ दिवस मंगलमय हो

ईश्वर का प्रतिरूप केवल मां है।
ईश्वर रूप उपस्थित एक माँ है।।

माँ के संतान को नहीं ना है।
माँ तो जगत में हाँ ही हाँ है।।

शब्द सुन प्यार उमड़ता माँ है।
मन समावै भाव सागर माँ है।।

करै नित्य सम्पूर्ण रक्षा है माँ।
ये हमारी जीवन सुरक्षा है माँ।।

हमारा जीवन आधार है माँँ।
दृढ़ इंसानी संस्कार है माँ।।

होती खुशियों की सागर माँ।
हमारे जिन्दगी सादर है माँ।।

अमेरिकी एना जार्विस महिला थी।
मां के मृत्यु पूर्व मनाना इच्छा थी।।

उसने मां मरने के तीन वर्ष बाद।
1908में 1स्मारक करै आबाद।।

मई दूजै रविवार मदर्स डे आने को।
1941में बिल अमल में लाने को।।

राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन से पास।
बाद में मनाने की बंधी आश।।

मां का करते हम सब आदर हैं।
माँ हमेशा जीवन में शामिल है।।

मातृदिवस माँ का ही प्यार है।
मातृदिवस प्यार का संसार है।।

मातृदिवस तो सर्वोत्तम त्याग है।
मातृदिवस निस्वार्थ जगे भाग है।।

ये मातृदिवस सर्वोपरि सम्मान है।
यह दिवस माँ का स्वाभिमान है।।

ये दिवस हर मां का सम्मान है।
क्योंकि हम में माँ की जान है।।

माँ है तो हर कमी होती पूरी है।
माँ बिन हमारी ज़िंदगी अधूरी है।।

माँ तो त्याग संग तपस्या भी है।
माँ हल करै हर समस्या भी है।।

मोल नहीं माँ हम पे समर्पित है।
मातृ बिन स्वार्थ ज़िंदगी अर्पित है।।

माँ रखें ध्यान में कोरोना काल में।
नित मां की सम्भाल हर हाल में।।

आज जिस्म नहीं माँ मेरे संग है।
सदियों से सजीव माँ के अंग है।।

पृथ्वीसिंह’ कैसे माँ के गुणगान।
माँ को करें सादर नवण प्रणाम।।
©®
कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई
राष्ट्रीय सचिव, जेएसए, बीकानेर,
लेखक, पत्रकार, साहित्यकार,
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी-प्रवक्ता अखिल भारतीय
जीवरक्षा बिश्नोई सभा, अबोहर, हॉउस नं. 313,
सेक्टर 14 (श्री ओ३म विष्णु निवास)
हिसार (हरियाणा)-125001 भारत