मात पिता की करियो सेवा – प्रियव्रत रोहणा
मात पिता की करियो सेवा।
पार उतर ज्यागा यो खेवा।
भजन
टेक.
बड़ों का आदर करना चाहिए, खोटी करनी तै डरना चाहिए।
ज्ञान हृदय म्हं भरना चाहिए, इनसे लेकै नै भाई।
कली.1
बड़ो का जो आदर करते हैं मान,उनको मिलता है वरदान।
यश बल ज्ञान उम्र लम्बी होज्या,सारे दाग जिगर के धोज्या।
ऐब शबाब घमंड सब खोज्या,जो धारै सै नरमाई।।
कली.2
मात पिता की जो करते सेवा,पार उतरता उनका खेवा।
आशीष देवा मात पिता सै,माफ होज्या जो करी खता सै।
फूलती फलती उनकी लता सै,कदे नहीं मुरझाई।।
कली.3
जित बीर मर्द का हो सै प्यार,वही घर हो सै स्वर्ग द्वार।
अन्न धन भण्डार भरे रहैं सैं,सारे हँस कै दुख सुख सहैं सैं।
झगड़े में वे नहीं फहैं सैं,राखैं सैं शील समाई।।
कली.4
सतगुरु का बनज्या सच्चा दास,कृष्ण चन्द्र हो ज्यागा तू पास।
मोह का नाश है मोक्ष मुक्ति, सतगुरु बतावैं यही युक्ति।
अपनी जगाले चेतन शक्ति, सच्ची मुक्ति है पाई।।
आलेखः कवि कृष्ण चन्द्र रोहणा।
प्रस्तुति:प्रियव्रत रोहणा।
खरखौदा सोनीपत हरियाणा।