योग की भूमिका-डॉ. दीप्ति धीर
‘योग की भूमिका’
भारत के प्राचीन ग्रंथों में है योग का विधान ,
इसने पूरे विश्व को दिया है स्वस्थ रहने का वरदान ।
योग शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है ,
शरीर को आक्सीजन युक्त बनता है ।
पाचन तंत्र को मज़बूती देता है योग ,
आंतरिक अंगों में भी भरता है जोश ।
अनेक रोगों का इलाज इससे सम्भव है ,
रोग दूर करने का यह महामंत्र है ।
विभिन्न आसन के माध्यम से स्वास्थ्य करें निरोग,
योग से करें स्वस्थ जीवन का भोग ।
यह मानसिक रोगों से भी छुटकारा दिलाता है ,
उदासी, निराशा व तनाव से मानव को मुक्त कराता है ।
मन को एकाग्र करने की शक्ति इसमें निहित है ,
ध्यान केंद्रित करने की कला भी इसमें विदित है ।
शारीरिक व मानसिक संतुलन लाने की इसमें क्षमता है ,
यह आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करता है ।
तन के बाह्य व आंतरिक सौन्दर्य को बढ़ाता है ,
यही नहीं, यह व्यक्ति के विचारों में भी सुधार लाता है ।
दवाओं के दुष्प्रभाव से बचने का यह अच्छा विकल्प है ,
योग के माध्यम से स्वस्थ रहने का करना हमें संकल्प है ।
योग से जीवन शैली में कर सकते सुधार है ,
इस युग में योग सच में एक चमत्कार है ।
डॉ. दीप्ति धीर,
सहायक प्रोफ़ेसर , हिंदी विभाग,
हंसराज महिला महाविद्यालय, जालंधर ।
9023030580
deeptidhir08@gmail.com