May 16, 2023

माँ – डॉ.रिखब चन्द राँका

By Gina Journal

माँ

माँ तुम महान हो,
जग का आधार हो।
वेद तुम ,पुराण तुम,
गीता और कुरान हो।
काशी तुम,काबा तुम,
तुम तीर्थ समान हो।
मूरत तुम, सूरत तुम,
तुम मन्दिर समान हो।
पूजा तुम, नमाज़ तुम,
तुम प्रार्थना अरदास हो।
लक्ष्मी तुम,सरस्वती तुम,
तुम नवदुर्गा समान हो।
गंगा तुम, यमुना तुम,
अमृतवाणी समान हो।
प्रेम तुम,स्नेह तुम
प्रेरणा बलिदान हो।
दिव्य तुम, तेज तुम
तुम गृह प्रकाशवान हो।
ममता तुम,समता तुम,
तुम हृदय विशाल हो।
गीत तुम,संंगीत तुम,
तुम सरगम समान हो।
रीति तुम,नीति‌ तुम,
तुम संस्कार की खान हो।
‘रिखब” का नमन तुम्हें,
तुम स्वर्ग से महान हो।

रचयिता ✍
डॉ.रिखब चन्द राँका ‘कल्पेश
©® स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित
‘जयपुर राजस्थान