परिवार रूपी वृक्ष – अनिल कुमार
परिवार रूपी वृक्ष परिवार…, वृक्ष की तरह होता है; जिसकी जड़े, प्रेम का अमृत पीकर, घर के आंगन को मजबूती से पकड़े रखती है। जिसका तना…, पिता-सा तनकर, सर्दी, गर्मी, बरसात में, रिश्तों की शाखाओं को प्यार से संभाले रखता है। जिसकी शाखाएँ…, ममतामय बाहें फैलाये, कोमल फूल-पत्तों को, अपना बच्चा समझकर, डालों का लचीला झूला, झूलाती रहती है। इस वृक्ष की शाखाएँ, जितनी फैलती […]