Category: परिवार अंक

May 16, 2023

“माॅ” – डॉ. सुधीर शर्मा

“माॅ” ✍️कभी हँसाती कभी रुलाती पल पल तेरी याद दिलाती, अक्सर आकर मुझे जगाती तेरी यादें मेरी माँ! दिन तो जैसे तैसे कट जाता है पर तेरी लोरी के बिन नींद कहाँ आती है माँ ! अपनी गोदी में मेरा सिर रखकर मुझे सुलाती थी माँ! जब तक मैं जागा करता था तब तक तुम भी जागा करती थी, जब तक था मैं नन्हा बालक […]

May 16, 2023

माँ – मनीषा जोशी

माँ ईश्वर का वरदान है माँ। श्रद्धा है,सम्मान है, मां। सारे जग में न्यारी माँ। खुशियाँ देती प्यारी माँ। खुशियों की फुलवारी माँ। स्नेह भरी किलकारी माँ। साए सा साथ निभाती माँ। संस्कार सभी सिखलाती माँ। पल गुस्सा पल प्यार है मां। ममता मयी दुलार है मां। सुखी परिवार की धरोहर हैं माँ। घर का आधार स्तंभ है माँ। बच्चों का अभिमान है मां। देवी […]

May 16, 2023

शुद्ध और सुरक्षित – ज्ञानेश्वर महाजन

* शुद्ध और सुरक्षित * घर और बाहर रिश्ते नाते हैं समान मॉं , बहन, बेटी,भाभी, सास, साली , घरवाली आदि । निभाना इन्हें हर जगह हर संभव निरामय, निर्लोभ एवं निर्दोष…। सदाशयता का परिवेश है जहाॅं आत्मीयता का आशय मिलता है वहाॅं…। चारदीवारी में अनगिनत, अनकहे हैं कई अमानवीय कृत्य और व्यवहार…। साधार और निराधार के कई हैं हिस्से बच्चें मन के सच्चे होते […]

May 16, 2023

ख्याल देश का करना – प्रियव्रत रोहणा

देशहित भजन। टेक. ख्याल देश का करना चाहिए,गरीबां का दुख हरना चाहिए। देश धर्म पर मरना चाहिए, वही सच्चा इंसान सै। कली .1 चाहिए देश का करना ख्याल,हम सब रहते हैं खुशहाल। असली धन माल सै आत्म शांति, भेदभाव बुराई मेटै भ्रांति ल्या दो देश म्हं मिल कै क्रांति, बचानी हिन्द की शान सै।। कली.2 जो करते हैं गरोबों का भला,सदा उनकी चढ़ती शिखर कला। […]

May 16, 2023

‘माँ’ – डॉ रेनू सिंह

‘माँ’ संसार की अद्भुत तस्वीर है माँ जन – जन के लिए प्यार की मूरत है माँ कोई नहीं समझे इसकी सहन – शक्ति को प्यार की वह अद्भुत सूरत है माँ। दिन भर सबकी चिंता में रहती खुद गीले में बच्चे को सूखे में सुलाती सोते कभी नहीं जगाती रूठने पर रोज मनाती रोज लोरी सुनाती रात बैठे – बैठे बिताती ऐसी जग से […]

May 16, 2023

मैंने बिन व्याकरण तुमसे प्यार किया है – डॉ0 अवध नारायण द्विवेदी

मैंने बिन व्याकरण तुमसे प्यार किया है हमारी प्रेम संधियाँ दीर्घ से वृद्धि करती हुई गुण प्रकट कर रही हैं,हमारी छुटपुट लड़ाइयाँ समास विग्रह सा हठ कर रही हैं,मैंने विलोम परिस्थितियों में भी शुद्ध व्यवहार किया है,मैंने बिन व्याकरण भी तुमसे प्यार किया है,तेरे पर्याय ढूँढने के प्रयास असम्भव से हैं,तेरे गुण तत्सम मेरे तद्भव से हैं,मैंने तुझको ही मेरा अलंकार किया है,मैंने बिन व्याकरण […]

May 16, 2023

मां – आनन्द कुमार मित्तल

…………………………मां………………………… नारी अपने सभी रूपों में सम्माननीय है,पूजनीय है।मां का रूप उसका सर्वत्र प्रशंसनीय है,मेरे शब्दों मे मां क्या है : कृपया सुनिए : मां तेरी ममता के आगे जगतपिता नतमस्तक है, ममत्व नहीं देवत्व समाया तेरा उर धरती का संरक्षक हैं,। प्रभु ने निर्मित किया मां का दिल भाव भर दिए वहां अनेक, दया -क्षमा ममता की मूरत बलिहारी मां के गुण प्रत्येक, निर्मित […]

May 16, 2023

माँ कभी बूढ़ी नही होती – कमलेश पाटीदार

  माँ कभी बूढ़ी नही होती । उम्र गुजर जाती है पर, बच्चो के लिए माँ कभी बूढ़ी नही होती । हां, माँ कभी बूढ़ी नही होती । माँ की जिम्मेदारियों से मुक्ति नही होती । खुद पर बहुत कुछ बीतने पर भी, कुछ नही । और बच्चो के लिए कुछ नही होने पर भी, बहुत कुछ महसूस करती है । बच्चो के लिए माँ […]

May 16, 2023

दो दिन का मेहमान बटेऊ – प्रियव्रत रोहणा

भजन। टेक. दो दिन का मेहमान बटेऊ,जाणा पड़े जरुर भाई। छोड़ कै इस मोह माया नै,कती रहा कर दूर भाई। कली.1 अपना तै कुछ भी ना सै,मान मान कै धक्के खा सै। जन्म मरण का ना भरता घा सै,राखै दुखी नसूर भाई। कली.2 भजन करा कर तू आठो याम,तजकै विषय वासना काम। घट म्हं मिलज्या रमैया राम,अमर अलौकिक नूर भाई। कली.3 रस मिले ना डोडे […]

May 16, 2023

परिवार का आधार – डॉ.परमानंद पाटीदार

” परिवार का आधार ” सभी मिलजुल कर रहते हैं , सुख हो या दुख हो; सभी बांट लेते हैं , समर्पण, प्रेम सदा ही , परिवार का आधार है । परिवार उन्नति के शिखर को, मिलकर ही तो छू सकता है; सामंजस्य ,संयम सदा ही ; परिवार का आधार है । विपत्ति के समय को काटकर, परिवार को सुख में देखकर; सदा ही प्रशंसनीय […]