शुभकामना सन्देश…..-डॉ. आंचल कुमारी
शुभकामना सन्देश….. – डॉ. आंचल कुमारी (हिन्दी विभाग )
समाज के उत्थान में साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही है साहित्य और समाज एक दूसरे के बिना अधूरे होते हैं वर्तमान समय में साहित्य में विमर्श नए नए कलेवर में सामने आ रहा है lसाहित्य ही है जो समाज को शिक्षा देता है वह जागरुक कर समाज में फैली कुरीतियों को कम करने के ,नए मार्ग सुझाता है वह नई ऊर्जा का संचार करता है
बड़े ही हर्ष की बात है कि हाशिय पर खड़े व्यक्तियों की बात इस सेमिनार” समकालीन साहित्य और विमर्श “का मुख्य विषय रहा है ऐसा कोई भी वर्ग नहीं है जो अपराध से मुक्त है समकालीन हिंदी साहित्य और विमर्श के अंतर्गत दलित, आदिवासी,किसान दिव्यांग,मजदूर ,मीडिया, भाषा, स्त्री, पुरुष विमर्श को हमने धरातल से समझा और जाना l
सभी की अपनी-अपनी पीड़ाए एवं समस्याएं हैं lसहानुभूति और स्वानुभूति के प्रश्नों को भी समकालीन साहित्य में बार-बार उठाया गया हैl संगम शोध पत्रिका मे विविध लेख है शोध पत्रों एवं आलेख सभी शोधार्थी, अध्यापक और सुधी पाठकों के लिए उपयोगी होंगे तथा उनका मार्ग प्रशस्त करें यही मेरी हदय तल से कामना है मैं गीना देवी शोध संस्थान भिवाड़ी, को धन्यवाद ज्ञापित करती है और आशा करती हूं कि भविष्य में हमारी और आपकी संस्था इस प्रकार साहित्य क्षेत्र में अपना योगदान देती रहेंगी धन्यवाद
डॉ नरेश सिहाग
डॉ. आंचल कुमारी (हिन्दी विभाग )
सहायक आचार्य राम चमेली चड्ढा विश्वास गर्ल कॉलेज ग़ज़ियाबाद