Category: गीना साहित्य संगम

May 16, 2023

मां – रेनू बाला सिंह

मां प्रथम दोस्त औ’ ज्ञान भंडार है तू, आंचल में संस्कार समेटती है तू। करुणा ममता दया का सांचा तू , गंगा जल सी निर्मल पावन तू। हर सवाल का जवाब है तू, मेरी जिज्ञासा की आशा है तू। मातृत्व की शीतल छांव है तू, नंदनवन बगिया की मालिन हैतू। तुझसे ही है मेरी पहचान, तू ही संरक्षक तू ही उद्यान । तू ही मेरी […]

May 16, 2023

मांँ हर जन्म तेरी कोख से जन्म लूंँ – मधु अरोरा

मांँ हर जन्म तेरी कोख से जन्म लूंँ तेरी प्यारी गोद तेरा ही घर चाहिए। प्रदूषित बहुत भोजन हुआ अब तेरे हाथों का दाल -भात चाहिए। देख दुनिया की चिंता सताने लगी, आधुनिकता अब बहुत आने लगी। जन्म लेते बच्चे बोल सकते नहीं, डायपर से परेशान खोल सकते नहीं। दूध डब्बे के अब तो आने लगे, दूध पिलाने से अब घबराने लगे। शान बाहर के […]

May 16, 2023

माता और पिता – डाॅ.सलीम बाणदार

विषय- माता और पिता अपने माता पिता का कभी दिल दु:खाना नहीँ है। इस धरती पर भगवान के दिये हुए स्वर्ग है। इनका दिल दु:खा कर स्वर्ग को नर्क नहीं बनाना है। माता-पिता की सेवा और उनके प्यार से बढ़कर कोई दौलत नहीं है। माता का आँचल और पिता का सहारा ही स्वर्ग है। इनका दिल ना दुखाना कभी यह भगवान का कहना है। माँ […]

May 16, 2023

उजीयारा – डॉ.ज्योती कदम

उजीयारा मेरे प्यारे बेटे, तुम्हारा जन्म हुआ उन दिनों की यह बात है.. एक दिन मुठ्ठीभरके चांदनीयाँ मैने महीन पिस ली खलबत्ते मे उँडेलकर. फिर यह मिश्रण मैने धीरे से रख दिया तुम्हारी नन्हींसी जबानपर. अब देखो तो तुम्हारे शब्दोंसे फैल जाएँगा उजीयारा हरदिन हरपल. डॉ.ज्योती कदम नांदेड(महाराष्ट्र)

May 16, 2023

परिवार – रश्मि वर्मा

परिवार पिछले कुछ दिनों से एक बात मैंने महसूस की है कि चाहे स्टॉफ हो मित्र मंडली हो, सामाजिक कार्य हों, रिश्तों के बीच में हो ऐसी माताएं जिनके ख़ास कर बेटे विवाह योग्य हैं वे बहुत अधिक चिंतित दिखाई देती हैं चेहरे से कांति तो जैसे रफूचक्कर हो चुकी है बेटे की मां होने की खुशी एक चिंता बनकर चेहरे पर झलकती है | […]

May 16, 2023

परिवार में नारी की श्रेष्ठता – आपी लंकाम

परिवार में नारी की श्रेष्ठता नारी परिवार का दुख , दर्द और पीड़ा झेलती है , आओ  उन्हें भी हम प्रेम दें । नारी परिवार को धैर्य और साहस देती है , आओ  उन्हें भी हम प्रोत्साहन दें । नारी परिवार का ख्याल रखती है और सेवा करती है , आओ  उन्हें भी हम सम्मान दें । नारी परिवार की जिम्मेदारियों के साथ आर्थिक परिस्थितियाँ […]

May 16, 2023

माँ मौन क्यों हो – सतीश कुमार पाल

माँ मौन क्यों हो माँ मौन क्यों हो तुम कुछ तो बोलो न ह्रदय में जो है छुपा वो राज दिल के खोलो न कुछ कहा फिर किसी ने तुम्हें या ! हुई कोई अनबन सी है क्यों मस्तक पर लकीरें गहन चिंतन की है माँ तुमने परिवार पर अपना सर्वस लुटाया है बिना कुछ कहे ही कर्तव्यों को निभाया है माँ तुम्हारी ये चुप्पी […]

May 16, 2023

पिता – वेद प्रकाश दिवाकर

पिता हे पिता परमेश्वर मेरे , तुम ही मेरे मान हो । नमन सदा चरणों में तेरे , तुम ही मेरे पहचान हो ।। बसे हुए हो रग – रग मेरे , बनकर लहू समान हो । नहीं कोई तुमसे बढ़कर, मेरे लिए भगवान हो ।। गुण – दोष का भेद कराया , सद्गुणों की तुम खान हो । जीवन पथ पर बढ़ना सिखाया , […]

May 16, 2023

माता-पिता का रूप – डॉ. वेद प्रकाश

        माता–पिता का रूप माता-पिता को, प्रथम गुरु लिख रहा हूं। देते हैं ऐसी शिक्षा,  जिसे उपदेश लिख रहा हूं।। बिना अपने बच्चों के, रहते हैं अधूरा। उन्हें मैं शत-शत ,नमन लिख रहा हूं।।   पिता को हीरा, माता को चंदन लिख रहा हूं। उनकी महानता को, वंदन लिख रहा हूं।। हर सपना बच्चों का,  करते हैं वह पूरा। उन्हें में शत-शत नमन लिख रहा […]

May 16, 2023

माँ दिवस मंगलमय हो – पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई

माँ दिवस मंगलमय हो ईश्वर का प्रतिरूप केवल मां है। ईश्वर रूप उपस्थित एक माँ है।। माँ के संतान को नहीं ना है। माँ तो जगत में हाँ ही हाँ है।। शब्द सुन प्यार उमड़ता माँ है। मन समावै भाव सागर माँ है।। करै नित्य सम्पूर्ण रक्षा है माँ। ये हमारी जीवन सुरक्षा है माँ।। हमारा जीवन आधार है माँँ। दृढ़ इंसानी संस्कार है माँ।। […]