मां – रेनू बाला सिंह
मां प्रथम दोस्त औ’ ज्ञान भंडार है तू, आंचल में संस्कार समेटती है तू। करुणा ममता दया का सांचा तू , गंगा जल सी निर्मल पावन तू। हर सवाल का जवाब है तू, मेरी जिज्ञासा की आशा है तू। मातृत्व की शीतल छांव है तू, नंदनवन बगिया की मालिन हैतू। तुझसे ही है मेरी पहचान, तू ही संरक्षक तू ही उद्यान । तू ही मेरी […]