माँ – डॉ.रिखब चन्द राँका
माँ माँ तुम महान हो, जग का आधार हो। वेद तुम ,पुराण तुम, गीता और कुरान हो। काशी तुम,काबा तुम, तुम तीर्थ समान हो। मूरत तुम, सूरत तुम, तुम मन्दिर समान हो। पूजा तुम, नमाज़ तुम, तुम प्रार्थना अरदास हो। लक्ष्मी तुम,सरस्वती तुम, तुम नवदुर्गा समान हो। गंगा तुम, यमुना तुम, अमृतवाणी समान हो। प्रेम तुम,स्नेह तुम प्रेरणा बलिदान हो। दिव्य तुम, तेज तुम तुम […]