Category: गीना साहित्य संगम

May 16, 2023

जीवनयात्रा – डॉ कंचन जैन

जीवनयात्रा कुछ वक्त का ही फेर था, सुबह और शाम में । वरना मिले तो, दोनों ही अकेले ही थे । दिन शुरू सुबह से,और शाम को ढल गया। कुछ वक्त का ही फेर था । न मिलने का वक्त तुम पर था, न उसने दिया , तुम्हें । भागता रहा ताउम्र , न जाने किस आजमाइश में , आज थक कर, जब बैठा शून्य […]

May 16, 2023

प्यारी बिटिया – आशा झा

प्यारी बिटिया मेरी प्यारी बिटिया रानी,मेरी प्यारी गुड़िया रानी तुम ही तो जीवन में खुशियों की कहानी जब पहली बार तुम मेरे हाथों में आयी भरकर अंक तुझे सुखद अनुभूति पायी। अपने नन्हें हाथों से जब तूने मुझको थामा जीवन का संबल है तू ये अहसास है पाया। टुकुर-टुकुर आँखों से जब तूने संसार को ताका सतरंगी दुनिया की तू समझ रही सब माया। थोड़ी […]

May 16, 2023

घर बुलाता है – शैलेन्द्र कुमार

घर बुलाता है घर की बगिया में फूलों सा महकता है मांँ का आंँचल बहन का प्यार मुझ पर बसंती हवा सा बहता है पापा घने वृक्ष से करते रहते हैं सिर पर छांँव घनी भाई बनकर हवा मेरी सांँस सांँस में घुला रहता है लौट आओ, मेरा घर मुझसे हमेशा कहता है। दरवाजे का पेड़ मुझे बुलाता, खेत इशारे करता है पूरा परिवार मेरी […]

May 16, 2023

मातृत्व का एहसास – अंकिता गुप्ता

मातृत्व का एहसास मैँ थी अनजान माँ की भावनाओं से, थी अज्ञात उसकी दिलो दिमाग की कश्मकश से, मुझे नहीं था एहसास उसकी ममता का, मुझे नहीं था भाव उसके मातृत्व का, सोचा नहीं कभी माँ की तपस्या का, सोचा नहीं कभी उसके बलिदान का | एक सुबह जब, थामा मुझे छोटी सी मुट्ठी ने, देखा मुझे छोटी मुस्कान ने, तब एहसास हुआ क्या है […]

May 16, 2023

मां तो प्यारी मां होती है -निर्मला मूंदडा

मां तो प्यारी मां होती है वह बचपन बाहों का झूला। खुद उसका गीले मैं सोना। कभी ना मुख पर शिकवा लाना, हंसकर उसका लोरी गाना । रूठे को प्यार से मनाना, हाथ जोड़ भोजन करवाना। चूम चूम कर प्यार जताना, रोज-रोज नई बात सिखाना । हाथ जोड़कर विनय सिखाना , हंसकर सबसे प्यार जताना । अच्छी अच्छी सीख सिखाना, भाई बहन में स्नेह बढ़ाना। […]

May 16, 2023

परिवार – डॉ.अनिल शर्मा

परिवार मात पिता संग बच्चों के,एक साथ हो तो परिवार। बस पारिवारिक संरचना,ही होती सुख का आधार।। आधुनिक जीवन शैली में बदला परिवार का रूप। लुप्त हुए संयुक्त और नित बढ़ता एकाकी स्वरूप।। परिवर्तन की इस बेला में, बदल रहा सारा संसार। बस पारिवारिक संरचना ही होती सुख का आधार।। भौतिक सुख वाली दौड़ में, हम सब जब से हैं शामिल। बने दिखावटी और सजावटी, […]

May 16, 2023

तुम जैसा कोई नहीं है मां! – धीरेंद्र कुमार जोशी

तुम जैसा कोई नहीं है मां! तेरी ममता की धार सदा, गंगा जल जैसी बही है मां तुम जैसा कोई नहीं है मां। तेरे आंचल की छांव, घने तरुवर के जैसी रही है मां। तुम जैसा कोई नहीं है मां। हमको राहत का दे आश्रय, तकलीफें कितनी सही है मां। तुम जैसा कोई नहीं है मां। तेरे संघर्षों की गाथा, अनलिखी और अनकही है मां। […]

May 16, 2023

मेरा प्यारा विश्व परिवार – राजेश तिवारी

मेरा प्यारा विश्व परिवार मेरा प्यारा विश्व परिवार । सर्व धर्म सम भाव समर्पित सब को नेह अपार ।। कोई हमसे दुखी न होये । बीज प्रेम के हमने बोये ।। निर्मल जल मानस का लेकर छिड़का है कई बार ।१ कुछ सम्प्रदाय शत्रुता रखते । करें कर्म जो फल भी चखते ।। धर्म दूसरा मिटाने वाले वो मूर्ख भोगें कष्ट हजार ।२ भांति भांति […]

May 16, 2023

मेरा पहला प्यार – डॉ0रमेश कुमार निर्मेष

:: मेरा पहला प्यार :: सनातन सृष्टि का एक अंग बन के मैं धरा पर आया था, प्रकृति ने कर चयन मेरा मुझे कर धन्य रखा था। नयी एक आशा बन के मैं माँ की कोख आया था, पता नहि कितनी मनौती का बन के परिणाम भाया था। बड़े शिद्दत से मेरी माँ ने बेशक पिता को चाहा था, पर इसमें शक नही कोई कि […]

May 16, 2023

मात पिता की करियो सेवा – प्रियव्रत रोहणा

मात पिता की करियो सेवा। पार उतर ज्यागा यो खेवा। भजन टेक. बड़ों का आदर करना चाहिए, खोटी करनी तै डरना चाहिए। ज्ञान हृदय म्हं भरना चाहिए, इनसे लेकै नै भाई। कली.1 बड़ो का जो आदर करते हैं मान,उनको मिलता है वरदान। यश बल ज्ञान उम्र लम्बी होज्या,सारे दाग जिगर के धोज्या। ऐब शबाब घमंड सब खोज्या,जो धारै सै नरमाई।। कली.2 मात पिता की जो […]