मैंने बिन व्याकरण तुमसे प्यार किया है – डॉ0 अवध नारायण द्विवेदी
मैंने बिन व्याकरण तुमसे प्यार किया है हमारी प्रेम संधियाँ दीर्घ से वृद्धि करती हुई गुण प्रकट कर रही हैं,हमारी छुटपुट लड़ाइयाँ समास विग्रह सा हठ कर रही हैं,मैंने विलोम परिस्थितियों में भी शुद्ध व्यवहार किया है,मैंने बिन व्याकरण भी तुमसे प्यार किया है,तेरे पर्याय ढूँढने के प्रयास असम्भव से हैं,तेरे गुण तत्सम मेरे तद्भव से हैं,मैंने तुझको ही मेरा अलंकार किया है,मैंने बिन व्याकरण […]