Author: Gina Journal

June 14, 2023

109. समकालीन दलित उपन्यासों में चित्रित विषय वैविध्य-अल्का के पि

Page No.: 767-771            समकालीन दलित उपन्यासों में चित्रित विषय वैविध्य अल्का के पि             समकालीन हिंदी साहित्य में दलित साहित्य का महत्वपूर्ण स्थान है  । दलित साहित्य दलितों की अस्मिता और अस्तित्व की पहचान कराती हैं । भारतीय समाज में मुख्य रूप से हिंदू समाज में छुआछूत की भावना हमेशा से सजीव रहा है।दलित साहित्य ने समाज के इन्हीं खोखलेपन को व्यक्त करते हुए […]

June 14, 2023

 108. विपिन बिहारी की कहानीयों में दलित जीवन का यथार्थ- सुबिता. के.एस

Page No.: 762-766 विपिन बिहारी की कहानीयों में दलित जीवन का यथार्थ    आज का साहित्य ऐसा मोड पर पहुंच गया है जहाँ विमर्श अधिक है। लगभग १९६० के आसपास सबसे पहले मराठी में दलित साहित्य का जन्म हुआ और जल्द ही दलित साहित्य अपनी पहचान बना ली। दलित आंदोलन के दौरान दलित जातियों से आए अनेक साहित्यकार इस क्षेत्र को आगे बढ़ाया दलित कहानी […]

June 14, 2023

106. “आदिवासी विमर्श” – श्रीमती रश्मि विश्वकर्मा,

Page No.: 745-751 “आदिवासी विमर्श” श्रीमती रश्मि विश्वकर्मा शोधार्थी हिंदी एवं भाषा विज्ञान विभाग, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर म.प्र.   हिंदी में दो तीन दशकों से अस्मिता वादी लेखन चर्चा का विषय बना हुआ है। आदि काल से ही आदिवासी समाज को एक पिछड़ा समाज मानकर उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता रहा है। परंतु वर्तमान शिक्षा के प्रचार-प्रसार, शोषणकारी नीतियों के विरुद्ध […]

June 9, 2023

योग दिवस-डॉक्टर नरेश सिहाग एडवोकेट

योग योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं, मन और शरीर के लिए योग का सम्मान। योग से साधक आत्मा को जोड़ता है, एकरूपता में जीवन को लोडता है। योग का ज्ञान है अनमोल, चित्त को शांति देता है सर्वश्रेष्ठ तत्त्व। आत्मा की उच्च साधना है योग, मुक्ति का मार्ग है यह सर्वरोग। योगी सोच को साकार करता है, मन के घुटनों से उठाता है पर्दा। अपनी […]

June 9, 2023

परिवार हमारा सबसे प्यारा-डॉक्टर नरेश सिहाग एडवोकेट

परिवार हमारा सबसे प्यारा- डॉक्टर नरेश सिहाग एडवोकेट परिवार हमारा सबसे प्यारा, एकता का प्रतीक, खुशियों का आकारा। माँ की ममता, पिता का साथ, बच्चों की हँसी, सबसे अनमोल बात। साथी होते हैं हम हर गम में, देते हैं सहारा, बनाते हैं सपनों को हकीकत से सुंवारा। बड़े होते हैं आदर्श देश भक्त, छोटे होते हैं चंचल और जिद्दी नत्त। एक दूसरे का सम्मान करते […]

June 8, 2023

107. आज़ादी के पूर्व साहित्य में देशभक्ति की भावना -डॉ. खुशबू राठी

Page No.: 752-761 आज़ादी के पूर्व साहित्य में देशभक्ति की भावना (डॉ. खुशबू राठी)अतिथि विद्वान शा.कन्या स्ना.महा.रतलाम म.प्र. ब्रह्मचर्येण तपसा राजा राष्ट्रं विरक्षति। देश की भूमि, संस्कृति, परम्परा, प्रशासन और सामाजिक तेजस्विता आदि का समन्वित प्रभाव मानव की जीवन साधनापर पड़ता है, और उससे जो शक्ति प्रकट होती है उसी का नाम है- राष्ट्रीयता। इसी क्रम में आगे देशभक्ति का भाव जागृत होता है। राष्ट्रीय […]

June 6, 2023

105. महिला आत्मकथा साहित्य में स्त्री विमर्श-विधा देवी पटेल

Page No.: 741-744  महिला आत्मकथा साहित्य में स्त्री विमर्श-विधा देवी पटेल ➢ fo|k nsoh iVsy ¼’kks/kkFkhZ&ØkbLV ppZ ih- th- dkyst dkuiqj½ ➢ M‚- lqtkrk prqosZnh   ¼’kks/k funsf’kZdk & ,lksf’k,V çksQslj ØkbLV ppZ ihåthå dkyst dkuiqj½ foeZ’k dk vFkZ gS & thoUr cglA fdlh leL;k ;k fLFkfr dks ,d dksa.k ls u ns[k dj fHkUu ekufldrkvksa] –f”V;ksa] laLdkjksa vkSj oSpkfjd çfrc)rkvks dk lekgkj djrs gq, […]

June 6, 2023

104. समकालीन हिन्दी साहित्य में दलित विमर्श-डॉ.सी.बालकृष्ण

Page No.: 735-740 समकालीन हिन्दी साहित्य में दलित विमर्श-डॉ.सी.बालकृष्ण सार साहित्य   किसी   जाति ,  धर्म   या   वर्ग   का   साहित्य   नहीं   है ,  बल्कि   यह   संपूर्ण   मानवता   की   बात   करने   वाला   साहित्य   है।   साहित्य   ब्रह्मानंद   सहोदर   है ,  साहित्य   वह   सूरम्य   रचना   है ,  जो   हृदय   से   निकल   कर   हृदय   को   ही   प्रभावित   करती   है।   साहित्य   और   सामाजिक   जीवन   का   अन्योन्याश्रित   संबंध   रहा   है।   समाज   जीवन ,  सामाजिक   चेतना ,  सामाजिक   परिवेश  […]

June 6, 2023

103. हिंदी साहित्य में समकालीन आधुनिक विमर्श -डॉ. पायल लिल्हारे ‌‌

Page No.: 725-734 हिंदी साहित्य में समकालीन आधुनिक विमर्श              ‌       डॉ. पायल लिल्हारे ‌‌                  सहायक प्राध्यापक हिंदी            अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय निवाड़ी               मो- 7987131767           ईमेल- payalgurukul@gmail.com ——————————————                        संसार में जो कुछ घटित होता है उसकी अभिव्यक्ति साहित्य में होती है। साहित्यकार का ह्रदय समाज की संवेदनाओं से स्पंदित होता है। वह समाज की नब्ज […]

June 4, 2023

102. उत्तर आधुनिकता एवं दलित विमर्श- डाॅ0 प्रिया सिंह

Page No.: 721-724 mÙkj vk/kqfudrk ,oa nfyr foe’kZ  MkW0 fiz;k flag    vflLVsaV izksQslj ¼fgUnh foHkkx½ djker gqlSu eqfLye xYlZ ih0th0 dkWyst   lkjka’k mÙkj&vkèkqfudrk dks le>us ls igys vkèkqfudrk dks le> ysuk vfr vko’;d cu tkrk gS] D;ksafd vkèkqfudrk mÙkj vkèkqfudrk dh iwoZ ço`fÙk ,oa dky jgk gSA vkèkqfudrk ds dkj.k gh mÙkj&vkèkqfudrk dk mn~Hko gqvk gSA mÙkj vk/kqfudrkokn vius vkiesa ,d u, fopkj […]