Category: विशेषांक-समकालीन हिन्दी साहित्य और विमर्श

May 5, 2023

13. स्त्री विमर्श के आईने में गीतांजलि श्री का उपन्यास ‘माई’ : एक अध्ययन – अमला थॉमस

Page No.: 89-96 स्त्री विमर्श के आईने में गीतांजलि श्री का उपन्यास ‘माई’ : एक अध्ययन – अमला थॉमस सारांश समाज में शोषितों के दर्जे में रखे जानेवाले कई वर्गों में एक प्रमुख वर्ग है – स्त्री।जन्म से लेकर स्त्री शोषण का शिकार है और स्वतंत्रता एवं समानता से वंचित भी है।स्त्री की मुक्ति का मार्ग बहुत जटिल है । आधुनिक स्त्री का जीवन इसका […]

May 5, 2023

10. पर्यावरणीय चेतना एवं जागरूकता से ओत-प्रोत हमारा समकालीन हिन्दी साहित्य – रीतिका पाण्डेय (पी-एच.डी.शोधार्थी)

Page No.: 68-76 पर्यावरणीय चेतना एवं जागरूकता से ओत-प्रोत हमारा समकालीन हिन्दी साहित्य – रीतिका पाण्डेय (पी-एच.डी.शोधार्थी)   सारांश –                                       समकालीन कवि एवं लेखक अपनी रचनाओं द्वारा हमें जागरूक कर रहे हैं, हमें बता रहे हैं कि पर्यावरण को असंतुलित कर हम विकास की ओर उन्मुख नहीं हो सकते । प्रोद्योगिकी के विकास से प्रकृति असंतुलित हो गयी है । मानव जीवन अपने चारों ओर […]

May 5, 2023

9. दोहरा अभिशाप :दलित स्त्री चेतना का सशक्त हस्ताक्षर – हिना

Page No.: 60-67 दोहरा अभिशाप :दलित स्त्री चेतना का सशक्त हस्ताक्षर – हिना दोहरा अभिशाप कौशल्या बैसंत्री जी द्वारा लिखित हिंदी की पहली दलित महिला आत्मकथा मानी जाती है। जो दलित महिलाओं के संघर्ष को उजागर करती है।यह दलित चेतना का उदय, विशेषकर दलित महिला चेतना के उदय को प्रदर्शित करती है।अन्य आत्मकथाओं के विपरीत उनकी आत्मकथा न केवल अत्यधिक दर्द ,जातिगत आधार पर की […]

May 5, 2023

8. किन्नर समाज के संघर्ष को चित्रित करता उपन्यास दर्द न जाने कोई- कृतिका चौधरी

Page No.: 53-59 किन्नर समाज के संघर्ष को चित्रित करता उपन्यास दर्द न जाने कोई – कृतिका चौधरी सृष्टि संचालन की दृष्टि से दो वर्गों को महत्व दिया जाता है नर एवं नारी परंतु इंसान हमेशा यह भूल जाता है कि नर और नारी के अतिरिक्त भी एक तीसरा वर्ग है ]जो ना तो पूरी तरह से नर है ना पूरी तरह से नारी है […]

May 5, 2023

6. हिन्दी उपन्यासों में अभिव्यक्त स्वास्थ्य समस्याओं पर विमर्श – अश्विनी कुमार

Page No.: 44-47 हिन्दी उपन्यासों में अभिव्यक्त स्वास्थ्य समस्याओं पर विमर्श            स्वास्थ्य से तात्पर्य है, निरोग होने की अवस्था। स्वास्थ्य का तात्पर्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य न होकर मानसिक स्वास्थ्य भी है। स्वास्थ्य एक व्यक्ति के केवल शारीरिक बेहतरी को ही संदर्भित नहीं करता है, अपितु मानसिक बेहतरी को भी संदर्भित करता है। अधिकांश लोग यही समझते हैं कि हम शारीरिक रूप से स्वस्थ्य […]

May 4, 2023

विशेषांक-समकालीन हिन्दी साहित्य और विमर्श

Click Here To Download Your Certificate ​ शोध पत्र पेज नंबर सम्पादकीय 1-2 अध्यक्ष की कलम से 3-4 1.मनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानियों  में आधुनिक सन्दर्भ – अफीफा फातिमा शेक 5-12 2. समकालीन उपन्यासकारों में स्त्री विमर्श: विभिन्न परिदृश्य-डॉ. रश्मी मालगी 13-21 3.भाषा आधारित शिक्षा पद्धति और एन.ई.पी.2020 – डॉ.परमानन्द त्रिपाठी 22-29 4. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के विशेष परिप्रेक्ष्य में “प्रौढ़ शिक्षा और जीवनपर्यन्त सीखना“ […]

May 4, 2023

4. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के विशेष परिप्रेक्ष्य में “प्रौढ़ शिक्षा और जीवनपर्यन्त सीखना“ – डॉ. नरेश कुमार

Click Here To Download Paper Pdf  राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के विशेष परिप्रेक्ष्य में “प्रौढ़ शिक्षा और जीवनपर्यन्त सीखना“ – डॉ. नरेश कुमार

May 4, 2023

5.अर्चना पैन्यूली की कहानियों में नारी विमर्श-किरण कटोच

Page No.: 37-43 अर्चना पैन्यूली  की कहानियों में नारी विमर्श-किरण कटोच अर्चना पैन्यूली डेनमार्क में स्थित प्रवासी साहित्य की एक सशक्त व यथार्थवादी लेखिका के रूप में उभर कर सामने आर्इ है। इन्होंने डेनमार्क जैसे अपरिचित देश को अपने लेखन के माध्यम से परिचित बनाया है। इन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से भारत और डेनमार्क के मध्य सेतु का निर्माण किया है। अर्चना पैन्यूली का […]

May 4, 2023

3.भाषा आधारित शिक्षा पद्धति और एन.ई.पी.2020 – डॉ.परमानन्द त्रिपाठी

Page No.: 22-29  “भाषा आधारित शिक्षा पद्धति और एन.ई.पी.2020” – डॉ.परमानन्द त्रिपाठी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप स्कूलों की शिक्षा को अधिक समग्र व लचीला बनाते हुए भारत को एक ज्ञान आधारित जीवंत समाज और ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति में बदलना, प्रत्येक में निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है। यह नीती  भारतीय ज्ञान परंपरा, सभ्यता एवं संस्कृत […]

May 4, 2023

23.शैलेश मटियानी कृत नगरीय परिवेश की कहानियों में चित्रित नारी पात्रों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन -डॉ रंजीत कौर

Page No.: 156-159 ‘kSys’k efV;kuh —r uxjh; ifjos’k dh dgkfu;ksa esa fpf=r ukjh ik=ksa dk euksoSKkfud v/;;u M‚ jathr dkSj fganh foHkkx ,e ,l ,e d‚yst cylqvk ¼iatkc½ nwjHkk”k & 9464135070 bZ&esy % ranjuarjun@gmail.com Hkwfedk% ‘kSys’k efV;kuh ds lkfgR; l`tu dk çkjafHkd dky eqacbZ ds egkuxjh; ifjos’k esa chrkA tgka mUgsa etnwj, Jfed, dqyh, mBkbZxhj, mpDd,s vkSj fHk[kkjh lekt ds chp jgus dk volj feykA […]