30. सामाजिक यथार्थ के संदर्भ में: दलित स्त्री की आत्मकथा एक अध्ययन – प्रियंका सारम्म फिलिप्प
सामाजिक यथार्थ के संदर्भ में: दलित स्त्री की आत्मकथा एक अध्ययन प्रियंका सारम्म फिलिप्प समकालीन साहित्य में दलित साहित्य का स्थान सर्वोपरि है।आज दलित साहित्य लेखन साहित्य की तमाम विधाओं पर हो रही है।इसमें आत्मकथा एक ऐसी विधा है जो दलित साहित्य के जीता जागता इतिहास हैं। दलित आत्मकथाकार अपनी जीवन के ज़रिए अपने समाज के सदियों पुराने दर्द एवं अनसुनी यथार्थ को कह […]